Monday, 20 February 2012

सृजना का एक संसार

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क्या हमारी मंजिल भी हमें खोज रही है?

कितना अच्छा लगता है यह सोचना कि जिससे हम प्यार करें, वह भी हमें उतना टूटकर प्यार करें। जिसका साथ पाने की इच्छा हमारे मन में हो, उसके मन म...