कितना अच्छा लगता है यह सोचना कि जिससे हम प्यार करें, वह भी हमें उतना टूटकर प्यार करें। जिसका साथ पाने की इच्छा हमारे मन में हो, उसके मन में भी हमारा साथ पाने की इच्छा हो! लेकिन ऐसा बहुत कम हो पाता है।
जिंदगी हर दिन अपने अलग-अलग रंगों के साथ हमारे सामने होती है। जीवन में कई दर्दनाक और दिल तोड़ देने वाली घटनाएं आती रहती हैं जैसे कि ब्रेकअप, तलाक, बीमारी, संबंधों में धोखा या पैसों की चिंता। बहुत बार हमें जिंदगी में कुछ भी अच्छा होता नहीं दिखता। ऐसा लगता है कि वक्त हमारे खिलाफ चल रहा है। कभी हम किसी छोटी-सी बात पर ही खुशी महसूस करने लगते हैं तो कभी हमको खुद को बेहद दुखी, बेकार या नाराज़ महसूस करते हैं। बहुत बार हमें आक्रोश होता है कि जिस चीज के हम हकदार थे, जिंदगी ने वह हमें नहीं दी और जो लोग हमसे प्रतिभा, ज्ञान और मेहनत में कमतर थे, उनको वह चीज बड़ी आसानी से मिल गई।
हम अक्सर लक्ष्य निर्धारित करते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि हमारा लक्ष्य लक्ष्य हमारी इच्छाओं के अनुसार ही तय किया गया हो। लेकिन यह महसूस करना सबसे बड़ी बात है कि आप जो भी पाना चाहते हैं, उसके लिए अपनी ओर से सबसे अच्छा कर रहे हैं। कोई जरूरी नहीं कि आप अपने प्रयास में सफल ही हों, लेकिन अपनी कोशिशों को महसूस करना और वे कितने मन से की जा रही हैं, आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता और जब आप खुद का विश्लेषण ईमानदारी से करते हैं तो आप वास्तव में सफल होने की अधिक संभावना रखते हैं।
यदि आप हर दिन बेमन से उस काम को करने से थक गए हैं, जो आपको पसंद नहीं था लेकिन मजबूरी में करना पड़ा और आपको लगता है कि आप इस लायक हैं कि दूसरा कोई काम जोे उससे कहीं अधिक अच्छा है, तो उसकी ओर कदम बढ़ाइए।
वास्तव में हम बचपन से ही एक निश्चित पेशे के प्रति आकर्षित होते हैं। और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके पास उस पेशे के लिए कुछ गुण या कौशल हैं तो आप उस काम को बोझ नहीं, आनंद लेकर करेंगे और आपको घंटो काम के बाद भी थकान न होगी।
उदाहरण के लिए, यदि आप आमतौर पर बच्चों के आसपास रहना पसंद करते हैं,उनका साथ आपको ऊर्जा से भरता है और आप उनके साथ एक विशेष संबंध रखते हैं, तो बेहतर है कि आपको बच्चों से संबंधित ही कोई पेशा होगा अपनाना चाहिए जैसे कि एक शिक्षक, बाल रोग विशेषज्ञ या कोई भी ऐसा काम जिसमें आप खुद को बच्चों के साथ व्यस्त रख सकें।
जिन चीज़ों की हम इच्छा करते हैं, उन्हें हासिल करना मुश्किल नहीं है, केवल अगर हम खुद को बदलने के लिए तैयार हैं। हम जिन चीजों की इच्छा रखते हैं, वे भी हमें उसी तरह से चाह रही होती हैं, जैसे हम उन्हें चाह रहे हैं। शायद इससे भी ज्यादा। अन्यथा, वे हमारी अपनी कल्पना में भी नहीं आती।
जिंदगी हर दिन अपने अलग-अलग रंगों के साथ हमारे सामने होती है। जीवन में कई दर्दनाक और दिल तोड़ देने वाली घटनाएं आती रहती हैं जैसे कि ब्रेकअप, तलाक, बीमारी, संबंधों में धोखा या पैसों की चिंता। बहुत बार हमें जिंदगी में कुछ भी अच्छा होता नहीं दिखता। ऐसा लगता है कि वक्त हमारे खिलाफ चल रहा है। कभी हम किसी छोटी-सी बात पर ही खुशी महसूस करने लगते हैं तो कभी हमको खुद को बेहद दुखी, बेकार या नाराज़ महसूस करते हैं। बहुत बार हमें आक्रोश होता है कि जिस चीज के हम हकदार थे, जिंदगी ने वह हमें नहीं दी और जो लोग हमसे प्रतिभा, ज्ञान और मेहनत में कमतर थे, उनको वह चीज बड़ी आसानी से मिल गई।
हम अक्सर लक्ष्य निर्धारित करते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि हमारा लक्ष्य लक्ष्य हमारी इच्छाओं के अनुसार ही तय किया गया हो। लेकिन यह महसूस करना सबसे बड़ी बात है कि आप जो भी पाना चाहते हैं, उसके लिए अपनी ओर से सबसे अच्छा कर रहे हैं। कोई जरूरी नहीं कि आप अपने प्रयास में सफल ही हों, लेकिन अपनी कोशिशों को महसूस करना और वे कितने मन से की जा रही हैं, आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता और जब आप खुद का विश्लेषण ईमानदारी से करते हैं तो आप वास्तव में सफल होने की अधिक संभावना रखते हैं।
यदि आप हर दिन बेमन से उस काम को करने से थक गए हैं, जो आपको पसंद नहीं था लेकिन मजबूरी में करना पड़ा और आपको लगता है कि आप इस लायक हैं कि दूसरा कोई काम जोे उससे कहीं अधिक अच्छा है, तो उसकी ओर कदम बढ़ाइए।
वास्तव में हम बचपन से ही एक निश्चित पेशे के प्रति आकर्षित होते हैं। और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके पास उस पेशे के लिए कुछ गुण या कौशल हैं तो आप उस काम को बोझ नहीं, आनंद लेकर करेंगे और आपको घंटो काम के बाद भी थकान न होगी।
उदाहरण के लिए, यदि आप आमतौर पर बच्चों के आसपास रहना पसंद करते हैं,उनका साथ आपको ऊर्जा से भरता है और आप उनके साथ एक विशेष संबंध रखते हैं, तो बेहतर है कि आपको बच्चों से संबंधित ही कोई पेशा होगा अपनाना चाहिए जैसे कि एक शिक्षक, बाल रोग विशेषज्ञ या कोई भी ऐसा काम जिसमें आप खुद को बच्चों के साथ व्यस्त रख सकें।
जिन चीज़ों की हम इच्छा करते हैं, उन्हें हासिल करना मुश्किल नहीं है, केवल अगर हम खुद को बदलने के लिए तैयार हैं। हम जिन चीजों की इच्छा रखते हैं, वे भी हमें उसी तरह से चाह रही होती हैं, जैसे हम उन्हें चाह रहे हैं। शायद इससे भी ज्यादा। अन्यथा, वे हमारी अपनी कल्पना में भी नहीं आती।