Friday, 13 July 2012

श्रद्धा, भक्ति, और पिकनिक, मस्ती का मिश्रण- कांवड़ लाकर जलाभिषेक करने का उत्सव एक बार फिर शुरू हो चुका है। हरिद्वार जाने वाले सारी सड़के भगवा रंग में रंग चुकी हैं। इन्हीं दिनों अराजकता और हुड़दंग के कारण कभी-कभी ये सड़के खूनी लाल भी हो जाती है। रेलगाड़ी की छतों पर बैठकर हरिद्वार जाने का थ्रिल रूड़की में कल एक की जान ले चुका है। तेज गति से बसों और मोटरसाइकिलों पर चलते ये शिवभक्त कई बार दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं तो कभी जनसामान्य से इनका जरा सी बात पर बवाल हो जाता है और ये शिव का तांडव नृत्य दिखा देते हैं। रास्ते भर सुस्वादु भोजन मुफ्त में उपलब्ध! मालिश और दवाइयों का इंतजाम .... शिवमय है सारा उत्तर भारत! पुलिस की जान शामत में ... रोके से ना रूकते ये छोरे ... खाकी वर्दी भगवा वर्दी से खौफजदा.. किसी तरह इस सुनामी के शांति से गुजर जाने का इंतजार करती रहती है...इन हालातों में भी धन्य हैं वे शिवभक्त जो बगैर किसी आत्मप्रदर्शन के बम भोले का उद्घोष करते विनम्रता के साथ अपने लक्ष्य की ओर शांति और श्रद्धा के साथ बढ़ते जाते हैं।

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